Last Updated on March 18, 2023 by siya
जैसा कि आपको पता होगा ही कि बैंक आज के समय में कितनी अधिक importance रखती है, एक तरफ से अगर देखा जाए तो बैंक ना होने पर लोगों के जीवन की वित्तीय व्यवस्था unbalance हो जाएगी, ऐसे में बहुत सारे लोग या जानना चाहते हैं कि आखिर व्यापारिक बैंक किन कारणों से इतना अधिक importance रखती है.
इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए मैं आज की इस आर्टिकल में व्यापारिक बैंक क्या है? और व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं? इस विषय पर चर्चा करने आई हूँ,
इसके साथ -साथ व्यापारिक बैंक से संबंधित अन्य विषयों जैसे व्यापारिक बैंक कितने प्रकार के होते हैं, व्यापारिक बैंक के काम क्या होते हैं आदि इन सभी पर भी चर्चा करने वाली हूँ, इसलिए आर्टिकल को आगे बढ़ाने से पहले व्यापारिक बैंक क्या है आइए यह अच्छे से जान ले ।
व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं? (Vyaparik Bank kise kahte hai)
व्यापारिक बैंकों को बैंकिंग रेगुलेशन 1949 के तहत regulate किया जाता है। व्यापारिक बैंकों से तात्पर्य उन बैंकों से हैं जो विशेष रूप से व्यापारियों, उद्यमियों तथा कंपनियों को ऋण के रूप में कार्यशील पूंजी short term के लिए उपलब्ध कराती है,
यह बैंक बैंकिंग अधिनियम के द्वारा संचालित किए जाते हैं, व्यापारिक बैंक लगभग सभी तरह के बैंकिंग कार्य करते हैं।
कहने का तात्पर्य है कि व्यापारिक बैंक जिसे हम व्यावसायिक बैंक, वाणिज्यिक बैंक या commercial बैंक भी कहते हैं, यह एक संस्था होती है जहां वित्तीय लेनदेन होती है।
वित्तीय लेनदेन का मतलब बैंक लोगों की धन से संबंधित जमाए स्वीकार करती है और साथ ही लोगों को ऋण उपलब्ध कराती है। इसके अलावा बैंक ग्राहक के मांग करने पर कैश, चेक, ड्राफ्ट या अन्य प्रकार से पैसे निकालने का काम करती है ।
व्यापारिक बैंक या commercial बैंक के अंतर्गत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, केनरा बैंक, यूको बैंक ,कोटक महिंद्रा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आदि यह सभी आते हैं.
व्यापारिक बैंकों कितने प्रकार के होते हैं? (Vyaparik Bank kitne type ke hote hai?)
व्यापारिक बैंक मुख्यत: 4 तरह से विभाजित किए गए हैं और यह विभाजित किए बैंक अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य करते हैं।
विभाजित किए गए बैंक इस प्रकार है:
- Public sector bank
- Private sector bank
- Regional rural Bank
- Foreign bank
पब्लिक सेक्टर व्यापारिक बैंक
Public sector bank जिसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कहते हैं। इन बैंकों पर भारत सरकार का नियंत्रण होता है। जिसमें 50% की हिस्सेदारी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय या विभिन्न राज्य सरकारों के वित्त मंत्रालय के पास होती है। भारत में मुख्यत: 12 public sector के बैंक है।
Public sector bank के अंतर्गत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक ,सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ,बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि ये सभी बैंक आते हैं।
प्राइवेट सेक्टर व्यापारिक बैंक
Private sector bank को निजी क्षेत्र के बैंक कहते हैं। इनमें वह बैंक शामिल होती है जिसमें प्रमुख हिस्सेदारी प्राइवेट शेयरधारकों के पास होती है, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित सभी बैंकिंग नियम और कानून प्राइवेट सेक्टर के बैंकों पर भी लागू होते हैं।
Private sector bank के अंतर्गत एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सीस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक ,सेंट्रल यूनियन बैंक ,सीएसबी बैंक ,आरबीएल बैंक आदि ये सभी आते हैं।
रीजनल रूरल व्यापारिक बैंक
रीजनल रूरल बैंक को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कहते हैं। इन्हें हाइब्रिड माइक्रो बैंकिंग संस्थानों के रूप में डिजाइन किया गया है, इसका मुख्य कार्य छोटे और सीमांत किसानों ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों तारीख को बैंकिंग सुविधाएं और ऋण उपलब्ध कराना है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में छोटे उद्यमियों को ऋण प्रदान करना है।
Regional rural bank के अंतर्गत केनरा बैंक, यूको बैंक ,महाराष्ट्र बैंक, केरला ग्रामीण बैंक आदि ये सभी आते हैं।
Foreign bank
Foreign bank व बैंक होती है, जिसका मुख्यालय किसी अन्य देश में होता है। लेकिन वह भारत में एक प्राइवेट कंपनी के रूप में काम करती है, यह बैंक अपने देश के साथ-साथ जिस देश में काम कर रहे हैं, उनके नियमों का भी पालन करते हैं।
Foreign bank के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया एंड न्यू जीलैंड बैंकिंग ग्रुप लिमिटेड, नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक, सोनाली बैंक लिमिटेड, बैंक ऑफ़ नोवा स्कॉटिया आदि यह सभी आते हैं।
व्यापारिक बैंकों में क्या काम है?
यहां मैं व्यापारी बैंकों के कार्य के बारे में बताने जा रही हूं। जो इस प्रकार है:
- रुपए जमा करना
- रुपए उधार देना या ऋण देना
- बैंक साख पत्र यानी चेक, हुंडी, ड्राफ्ट विनिमय पत्र आदि जारी करता है।
- जमा किए बहुमूल्य वस्तुओं जैसे सोना, चांदी ,कानूनी कंपनी के कागज ,ऋण पत्र आदि को बैंक सुरक्षित रखने का कार्य करते हैं।
- यात्रा दौरान होने वाले जोखिमों से सुरक्षित करने के लिए बैंक अपने ग्राहकों को यात्री चेक सुविधा प्रदान करने का कार्य करती है।
- बैंक दूसरे देश की मुद्रा को अपने देश की मुद्रा में भी बदलने का कार्य करती है।
- एजेंसी कार्य जैसे धन का स्थानांतरण, भुगतान का संग्रह, ग्राहकों की ओर से भुगतान करना, आर्थिक सलाहकार, ट्रस्टी एवं कार्यकारी आदि के रूप में कार्य करते हैं।
रुपए जमा करने के तरीक़े
बैंक का पहला और सबसे प्रमुख कार्य रुपयों को जमा करना है, इनमें बैंक कई तरह के अकाउंट खोलकर ग्राहक द्वारा दिए गए पैसों को जमा करती है। बैंक द्वारा खोले जाने वाले अकाउंट कुछ इस प्रकार हैं।
- Fixed deposit account
- Current account
- Saving account
- Recurring deposit account
Fixed deposit account
Fixed deposit account को सावधि जमा खाता कहते हैं |इस खाते में पैसे एक निश्चित अवधि के लिए जमा किए जाते हैं| यह अवधि 15 दिन से लेकर 10 वर्ष तक हो सकती है|
Current account
Current account को चालू खाता कहता है, इसमें जमा करता को बैंक से प्रतिदिन अथवा दिन में दो बार जमा करने व रुपया निकालने की छूट होती है। बैंक चालू खाते की रकम पर कुछ भी ब्याज नहीं देती है।
Saving account
Saving account यानि बचत खाता में जमाकरता अपनी बचत की छोटी-छोटी रकम जमा करते हैं। किंतु रकम निकालने की सुविधा ग्राहकों को सप्ताह में केवल एक या दो बार ही प्राप्त होते हैं।
Recurring deposit account-
Recurring deposit account यानी आवर्ती जमा खाता में छोटी-छोटी व नियमित बचतो को प्रोत्साहित करने के लिए बैंक अपने यहां आवर्ती खाता खोलती है। जो निश्चित अवधि के लिए होती है जैसे 1 वर्ष 2 वर्ष 3 वर्ष 10 वर्ष आदि।
इन खातों में प्रति महीने एक पूर्व निर्धारित रकम एक निर्धारित समय तक जमा करनी पड़ती है और जब समय पूरा हो जाता है तो फिर जमा की गई राशि ब्याज के साथ वापस कर दी जाती है।
2. रुपए उधार देना या ऋण देना
वाणिज्य के बैंक या व्यापारिक बैंक का दूसरा सबसे प्रमुख कार्य रुपए उधार देना या ऋण देना है। इसमें बैंक केई तरह से ग्राहकों को ऋण देती है ताकि ग्राहक बैंकों से ऋण लेकर अपने उद्देश्य को पूरा कर सकें। बैंक ऋण देने के कुछ समय बाद इंटरेस्ट के साथ ग्राहक से पैसे वापस लेती है, बैंकों द्वारा दिए जाने वाले दिन कुछ इस प्रकार है:
- साधारण ऋण
- अधिविकर्ष ऋण
- नगद उधार
साधारण ऋण
इनमें बैंक निश्चित रकम व्यक्ति को इसके कोई वस्तु जैसे दिन सोना चांदी व अन्य बहुमूल्य वस्तु जमानत स्वरूप रखकर उधार देते हैं।
अधिविकर्ष ऋण
इसमें व्यापारियों को अपने खाते में जमा कराए गए रकम से एक निश्चित मात्रा में अधिक रकम निकालने का अधिकार दिया जाता है।
नगद उधार
इसमें बैंक व्यापारियों का माल अपने गोदामों में रखवा लेती है और उसके आधार पर नकद उधार देती है। जैसे-जैसे ग्राहक रुपए चुकाते जाते हैं, वैसे वैसे बैंक माल को छोड़ती जाती है।
अब मैं उम्मीद करती हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपकी समस्या व्यापारिक बैंक दूर हो गई होगी| अब आप यह जान चुके होंगे कि व्यापारिक बैंक क्या है कितने प्रकार की होती हैं कौन-कौन सी व्यापारिक बैंक है आदि |
मेरा नाम Siya Rawat है , में अभी फाइनेंस सेक्टर में काम कर रही हु, और साथ में अपनी Knowledge को इस वेबसाइट (Loanflow.in) के माध्यम लोगो तक पंहुचा रही हू